Breastfeeding Affect : बच्चों के लेफ्टी या राइटी होने का स्तनपान से संबंध

खबर सार :-
Breastfeeding Affect : क्या स्तनपान बच्चों के लेफ्टी या राइटी होने को प्रभावित करता है? नए शोध में सामने आया चौंकाने वाला खुलासा! जानें कैसे शुरुआती पोषण हाथ के उपयोग को तय कर सकता है। विशेषज्ञ की राय और वैज्ञानिक निष्कर्षों पर आधारित पूरी जानकारी।

Breastfeeding Affect : बच्चों के लेफ्टी या राइटी होने का स्तनपान से संबंध
खबर विस्तार : -

Breastfeeding Affect : हममें से कई लोग यह सोचते हैं कि कोई व्यक्ति बाएं हाथ (लेफ्टी) से काम करेगा या दाएं हाथ (राइटी) से, यह केवल एक व्यक्तिगत पसंद है या फिर इसके पीछे कोई अदृश्य शक्ति काम करती है। क्रिकेट के मैदान पर भी लेफ्टी खिलाड़ियों का अपना अलग ही आकर्षण होता है, चाहे वह बांये हाथ से बल्लेबाजी करें या गेंदबाजी। जो प्रतिद्वंद्वी टीम के लिए चुनौतियां खड़ी करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है?

Breastfeeding Affect : वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें लेफ्टी या राइटी होना

इस विषय पर आमतौर पर कई विभिन्न राय मिलती है। यहां तक कुछ राय तो बहुत ही ज्यादा हास्यास्पद होती हैं। लोग किसी के दाएं या बांये हत्था होने के  वैज्ञानिक कारण के बजाय किसी दैवीय कारण से जोड़ते हैं। हालांकि, एक शोध में यह गुत्थी सुलझाने का दावा किया गया है कि शुरूआत के एक साल तक दूध पीने के तरीके से बच्चों के लेफ्ट या राइट होने का मामला जुड़ा होता है। 

Breastfeeding Affect : स्तनपान और हाथ के उपयोग का कनेक्शन

यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शिशुओं को स्तनपान कराए जाने की अवधि (duration of breastfeeding) में उनके हाथ के उपयोग पर गहरा असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस शोध में पाया गया कि जिन शिशुओं को स्तनपान (breastfeeding) कराया गया था, उनमें बाएं हाथ से काम करने वाले बच्चों की संख्या कम थी।
शोधकर्ताओं ने 62,129 मां-बच्चे के जोड़ों को शामिल कर यह जानने की कोशिश की कि नौ महीने से अधिक समय तक स्तनपान करने वाले शिशु अक्सर दाएं हाथ का मुख्य रूप से उपयोग में लाते हैं। इसके विपरीत, जिन शिशुओं को बोतल से दूध पिलाया गया, उनमें बाएं हाथ से काम करने वालों की संख्या अधिक देखी गई।

Breastfeeding Affect : मस्तिष्क विकास और स्तनपान की भूमिका

वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका कारण यह हो सकता है कि हाथ पर नियंत्रण करने वाला मस्तिष्क का हिस्सा, दिमाग के एक निश्चित हिस्से में स्थिर हो जाता है। शोधकर्ताओं का सुझाव है कि स्तनपान की प्रक्रिया इस निर्धारण को गति दे सकती है, जिससे शिशु के दाएं या बाएं हाथ से काम करने की प्रवृत्ति निर्धारित होती है। यह शोध इस बात पर प्रकाश डालता है कि हमारे शुरुआती पोषण संबंधी चुनाव किस प्रकार हमारे शारीरिक विकास और आदतों को प्रभावित कर सकते हैं।